हां दुपहरिया में, काम तो लागो रेहे उमरिया में।। हां दुपहरिया में, काम तो लागो रेहे उमरिया में।।
हे ईश..तेरे विश्व का निर्माण कितना सिद्ध है होता गगन से नित्य ही.....विश्वात्मा का संच हे ईश..तेरे विश्व का निर्माण कितना सिद्ध है होता गगन से नित्य ही.....विश्वात्...
मिल जाती हम भव्य सागर में पूर्ण होती है आस पिया मिलन की l मिल जाती हम भव्य सागर में पूर्ण होती है आस पिया मिलन की l
शक की कोई गुंजाइश भी हमारी रिश्तों के बीच ना आए। शक की कोई गुंजाइश भी हमारी रिश्तों के बीच ना आए।
सज्जन सौहार्द पूर्ण व्यक्तित्व मृद भाषी लोक विचार महत्व सज्जन सौहार्द पूर्ण व्यक्तित्व मृद भाषी लोक विचार महत्व